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शिक्षक नियमावली में परिवर्तन के विरोध में अभाविप का धरना

चंपारण (विसंके)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से बिहार में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता रोजगार समस्या और बार-बार शिक्षक नियमावली में परिवर्तन के विरोध में एक दिवसीय धरना का आयोजन चंपारण स्थित समाहरणालय के पास किया गया। धरना को संबोधित करते हुए चंपारण के विभाग संयोजक सुजीत मिश्रा ने कहा कि आज जिस प्रकार शिक्षक…

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कष्ट में भी आनंद की अनुभूति को साधना कहते हैं – रामदत्त जी

नागपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का सोमवार ८ मई को डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में स्थित महर्षि व्यास सभागार में शुभारम्भ हुआ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह व वर्ग के पालक अधिकारी रामदत्त जी ने कहा कि कष्ट में भी आनंद की अनुभूति को साधना कहते हैं….

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मेरी नहीं, श्री की इच्छा है ‘हिन्दवी स्वराज्य’

हिन्दवी स्वराज्य प्रतिज्ञा दिवस – वीर बालक शिवा ने 26 अप्रैल, 1645 को श्री रायरेश्वर महादेव का अभिषेक अपने रक्त से करके हिन्दवी स्वराज्य का संकल्प लिया था.  लोकेन्द्र सिंह पुणे की दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगभग 82 किलोमीटर की दूरी पर, रोहिडखोरे की भोर तहसील में, सह्याद्रि की सुरम्य वादियों के बीच, समुद्र तल से…

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आदि शंकराचार्य का जीवन राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की भावना के संचार में सहायक

भारत की विविधता पश्चिमी जगत के लिए तो सदैव से आकर्षण, आश्चर्य एवं शोध की विषयवस्तु रही है, अनेक भारतीय विद्वान भी इसे लेकर मतिभ्रम एवं सतही-सरलीकृत निष्कर्ष के शिकार रहे हैं. यह कहना अनुचित नहीं होगा कि स्थूल, भेदकारी एवं कोरी राजनीतिक बुद्धि एवं दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष में व्याप्त राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता…

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क्यों भड़कती है हिंसा?

बलबीर पुंज बीते कुछ वर्षों से हिन्दू पर्वों पर निकलने वाली शोभायात्राओं पर हिंसक हमले तेज हुए हैं. ऐसा करने वाले कौन हैं, यह सर्विदित है. परंतु वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? इसे लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है. तथाकथित सेकुलर मीडिया का एक हिस्सा और वामपंथी विचारक हिंसा के शिकार अर्थात्, हिन्दुओं…

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गुरु ग्रंथ संपूर्ण हिंदू समाज की प्रेरणा का केंद्र – डॉ. मोहन भागवत जी

इंदौर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी रविवार शाम को बुरहानपुर स्थित गुरुद्वारा बड़ी संगत पर दर्शन करने पहुँचे. उन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज द्वारा स्वर्ण लिखित एवं हस्ताक्षरित गुरु ग्रंथ साहब के दर्शन किए. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहब समस्त हिन्दू समाज के लिए…

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अपने महापुरुषों की कल्पना का भारतवर्ष बनाना ही संघ का संकल्प – डॉ. मोहन भागवत जी

कर्णावती, गुजरात. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – कर्णावती महानगर द्वारा अयोजित समाज शक्ति संगम कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि स्वतंत्रता के समय डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर जी द्वारा दिए गए प्रमुख भाषणों को पढ़ना चाहिए. अपने देश को परकियों ने नहीं जीता, अपितु हमारे अपनों ने ही चांदी की थाली में उनको…

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बाबा साहेब ने पत्रकारिता को बताया सामाजिक न्याय का माध्यम

लोकेन्द्र सिंह बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर का व्यक्तित्व बहुआयामी, व्यापक एवं विस्तृत है. उन्हें हम उच्च कोटि के अर्थशास्त्री, कानूनविद, संविधान निर्माता, ध्येय निष्ठ राजनेता और सामाजिक क्रांति एवं समरसता के अग्रदूत के रूप में जानते हैं. सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष से हम सब परिचित हैं. बाबा साहेब ने समाज में…

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भारतीय सिनेमा के अंदर भारत का दर्शन होना चाहिए – नरेंद्र ठाकुर

उज्जैन. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है. समाज को प्रेरणा देने वाला, दृष्टी देने वाला और दिशा देने वाला माध्यम है. इसलिए इसका उपयोग सही तरीके से होना चाहिए. वे रविवार को कालीदास अकादमी में आयोजित मध्यभारत के सबसे बड़े…

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राष्ट्रीय सेवा संगम में लोगों को संबोधित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी।

हम विश्व मंगल साधना के मौन पुजारी हैं- डॉ. मोहन भागवत जी

जयपुर, 8 अप्रैल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि संगठित कार्य शक्ति हमेशा विजयी रहती है. हम विश्व मंगल साधना के मौन पुजारी हैं. इसके लिए सामर्थ्य-सम्पन्न संघ शक्ति चाहिए, क्योंकि अच्छा कार्य भी बिना शक्ति के कोई मानता नहीं है, कोई देखता नहीं है. यह विश्व का स्वभाव…

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