पटना (विसंके)। हम कार्य तो उत्तम एवं बेमिसाल करते हैं पर उसका अभिलेख नहीं रख पाते हैं जिसकी हमें अति आवश्यकता है। अब वह समय आ गया है जिसमें हम अपने कार्यों के साथ-साथ उसका लेखा-जोखा भी सही तरीके से और सॉफ्ट एवं हार्ड कॉपी के माध्यम से रखें। हमें अपने कार्यक्रमों का ऑडियो-वीडियो एवं फोटोग्राफी भी सही से रखना है ताकि समय आने पर हम अपने तथ्यों को तर्कपूर्ण ढंग से रख पाएं। उक्त विचार विद्या भारती के राष्ट्रीय अभिलेख संयोजक प्रदीप कुमार ने एकदिवसीय अभिलेखागार एवं सीएसआर बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
25 जुलाई को पटना के कदमकुआं स्थित भारती शिक्षा समिति के प्रांतीय कार्यालय में संपन्न बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा हुई। वंदना से प्रारंभ होकर कुल 3 सत्रों में बैठक संपन्न हुई। पहले और दूसरे सत्र में प्रदीप कुमार द्वारा अभिलेखागार की गहनता से चर्चा की गई साथ ही तीसरे और अंतिम सत्र में सीएसआर के विषय में जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने सीएसआर के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि हम कैसे अपने विद्यालयों को साधन युक्त बनाने के लिए सीएसआर फंड का उपयोग ले सकते हैं?
कार्यक्रम में भूमिका नकुल कुमार शर्मा, क्षेत्रीय सचिव, विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र द्वारा एवं अध्यक्षीय आशीर्वचन संस्था के प्रांत सचिव भरत पूर्वे द्वारा दी गई जिसमें उन्होंने कहा कि विद्या भारती दक्षिण बिहार इस अभिलेखागार एवं सीएसआर पर आज से ही अपना कार्य प्रारंभ कर देगी। अतिथि परिचय प्रदीप कुमार कुशवाहा, प्रदेश सचिव, भारती शिक्षा समिति बिहार एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार द्वारा संपन्न हुई।
बैठक में विभाग निरीक्षक, जिला निरीक्षक, प्रवासी कार्यकर्ता, विभाग केंद्र के प्रधानाचार्य, कुछ चयनित प्रधानाचार्य, प्रांतीय एवं क्षेत्रीय कार्यालय कार्यकर्तागण के साथ कुल 28 की उपस्थित रही।