अपने महापुरुषों की कल्पना का भारतवर्ष बनाना ही संघ का संकल्प – डॉ. मोहन भागवत जी

कर्णावती, गुजरात. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – कर्णावती महानगर द्वारा अयोजित समाज शक्ति संगम कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि स्वतंत्रता के समय डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर जी द्वारा दिए गए प्रमुख भाषणों को पढ़ना चाहिए. अपने देश को परकियों ने नहीं जीता, अपितु हमारे अपनों ने ही चांदी की थाली में उनको परोसा था. सामाजिक समरसता के बिना राजनीतिक एवं आर्थिक स्वतंत्रता पूरी नहीं होती है.

सरसंघचालक जी ने कहा कि हम अपनी स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मना रहे हैं. हमें स्वतंत्रता किसलिए चाहिए क्योंकि गुलामी में स्व की अभिव्यक्ति नहीं हो सकती. डॉ. साहब ने इन परिस्थितियों का नजदीक से अध्ययन किया और पाया कि समाज में सामूहिक एकता के आभाव के कारण हम गुलाम हुए.


वीडियो —- 


उन्होंने कहा कि अपने महापुरुषों की कल्पना का भारतवर्ष बनाना ही संघ का संकल्प है. शक्ति सम्पन्न, भेद रहित, गुण सम्पन्न, देशहित में सोचने वाला हिन्दू समाज का निर्माण करने के लिए संघ की शुरुआत डॉ. साहब ने की. सैनिक के साथ साथ समाज के सभी व्यक्ति की जागरूकता अनिवार्य है.

आज विश्व में भारत का मन सम्मान बढ़ रहा है. देश के समाज को गुण सम्पन्न बनाने का कार्य संघ शाखा के माध्यम से कर रहा है, आज समाज संघ को आस्था के रूप में देखता है. संघ का स्वयंसेवक सामाजिक जीवन में प्रामाणिकता से कार्य करता है. अब जाति भेद दूर कर समाज को एक करने की आवश्यकता है. हम जो कुछ भी हैं, हमारी सनातन संस्कृति के कारण हैं. हमें अपने लिए कम से कम रखकर बाकी अपनी मातृभूमि को समर्पित करना चाहिए.

भगिनी निवेदिता ने कहा है कि नागरिक अनुशासन सामर्थ्यवान राष्ट्र की पहली शर्त है. आज डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के समाज संकल्पना के उच्च विचारों को ध्यान में रखते हुए, सम्पूर्ण समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करने का लक्ष्य सामने रखते हुए देश को परम वैभव तक ले जाना है.

कार्यक्रम में स्वयंसेवक एवं नागरिकों सहित 13,465 की उपस्थिति रही. मंच पर पश्चिम क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंतिभाई भाडेसिया, गुजरात प्रांत संघचालक डॉ. भरतभाई पटेल, कर्णावती महानगर संघचालक महेशभाई परिख उपस्थित रहे.

 

Share This Article:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *