हिन्दू समाज को संगठित करने के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कोई अन्य कार्य नही है। हिंदुत्व के भाव से ही राष्ट्रीय भावना को प्रबल करते हुए एक समतामूलक और शोषणरहित समाज की स्थापना ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकमात्र उद्देश्य है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीतियां और कार्यपध्दति समाज के लिए अनुकरणीय है। विश्व मे फैलती कट्टरता विश्व शांति के लिए घातक है,
हिन्दू चिंतन में ही वैश्विक शांति का भाव भरा है। आज संघ के स्वयंसेवक अन्यान्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे है स्वयंसेवक के नाते अपना सम्पर्क उनसे रहता है, उनसे मिलना होता है लेकिन इसका ये अर्थ नही की संघ सभी मामलों में हस्तक्षेप करता है, ऐसे लोग कहते है, इमरान खान भी कहते हैं, लेकिन स्वयंसेवक अपने उद्देश्य के प्रति संकल्पित होता है।
उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन मधुकर भागवत जी ने रांची विश्वविद्यालय के निकट पदमश्री रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम मोरावादी में रांची महानगर के स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण में कहा।