गया (विसंके)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र मंदिर निर्माण निधि समर्पण महाअभियान के दौरान मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण की चाह रखने वाले राम भक्त महेश प्रसाद उर्फ नवल किशोर गुप्ता रामभक्तों की टोली के इंतजार में आंख बिछाए बैठे थे। लेकिन अभियान के शुरू होने के करीब 1 माह बाद तक भी किसी टोली के उनके घर तक ना पहुंचने के कारण महेश प्रसाद का सब्र का बांध टूट गया और अपना निधि समर्पण करने हेतु घर से निकल पड़े। बताते चलें कि महेश प्रसाद जिनकी आयु करीब 75 वर्ष है, वे गया के झीलगंज मोहल्ले के निवासी हैं और प्रभु श्री राम के भक्त हैं। जिनका प्रभु के प्रति अटूट श्रद्धा एवं विश्वास है।
महेश प्रसाद कहते हैं, कि जो सपना कई दशकों से देखते आ रहे थें। वो सपना आज पूरा होते वह अपनी आंखों से देख पा रहे हैं। इसी क्रम में जब मंदिर निर्माण हेतु श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा सब के राम, सब में राम कहते हुए मकर सक्रांति से माघी पूर्णिमा तक निधि समर्पण अभियान चलाया गया। तो राम भक्त महेश प्रसाद की भी इच्छा थी, कि वह प्रभु के मंदिर निर्माण में अपना भी अंशदान करें। लेकिन अभियान शुरू होने के करीब 1 माह बाद तक भी जब कोई टोली उनसे संपर्क ना किया तो उन्हें लगा, कि हम अपना निधि समर्पण करने से कहीं छुट नहीं जाए। इसलिए वे घर से श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण गया जिला कार्यालय की खोज में निकल पड़े। कार्यालय ढूंढने के क्रम में वे गया जिला समाहरणालय पहुंचे जहां उन्हें समाहरणालय के एक कर्मचारी के माध्यम से कार्यालय का पता लगा। अंततः वे लोगों से पूछते हुए कार्यालय पहुंचे।
जहां उनकी मुलाकात जिला कार्यालय प्रमुख मंतोष सुमन से हुई। वे अपनी मन की सारी बात जिला कार्यालय प्रमुख को बताते हैं। जिसके बाद मंतोष सुमन के द्वारा महेश प्रसाद का निधि समर्पण कराया जाता है। निधि समर्पण करने के दौरान उनका आंख भर आता है। वे कहते हैं, कि जिस पल का हमें इंतजार था वह पल आ गया और आज मेरा सपना पूरा हो गया। प्रभु के मंदिर निर्माण हेतु अब मेरा भी निधि अयोध्या पहुंच जाएगा। कार्यालय प्रमुख मंतोष सुमन कहते हैं, कि रामभक्त महेश प्रसाद समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणा के केंद्र हैं। जो उम्र के इस पड़ाव में भी निधि समर्पण हेतु घर से निकल कर कार्यालय आ पहुंचते हैं। ये प्रभु श्रीराम का ही लीला है। इसलिए सभी भारतवासी को महेश प्रसाद से प्रेरणा लेते हुए, भारत का गौरव प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण करना चाहिए।