जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मंगलवार को आतंकियों के हमले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता चंद्रकांत व उनके निजी सुरक्षा अधिकारी की मृत्यु हो गई। 50 वर्षीय चंद्रकात शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह सेवा प्रमुख थे तथा किश्तवाड़ के अस्पताल में चिकित्सा सहायक के पदपर कार्यरत थे। आतंकियों ने उनके घर में घुसकर हमला किया जिसमें वे गंभीर रूप घायल हो गये। उनको फौरन अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ चिकित्सा के दौरान उनकी मौत हो गई। हमले में उनके दो सुरक्षा कर्मियों में से एक सुरक्षा कर्मी राजेन्द्र कुमार शहीद हो गए, जबकि दूसरे को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

घटना के तुरंत बाद आतंकियों को ढूंढने के लिए किश्तवाड़ में सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है। प्रवेश और निकास बिंदुओं को सील कर दिया गया है। मौके पर काफी संख्या में आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ता एकत्रित हो गए हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए किश्तवाड़ में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि चंद्रकांत के ऊपर इससे पहले भी दो बार हमले हो चुके थे जिसको देखते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैय्या कराई गई थी। चंद्रकांत उग्रवाद के दौरान वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहे थे। वे बाल्यकाल से ही संघ से जुड़े थे तथा संघ के द्वारा दिये गये दायित्वों का काफी निष्ठापूर्वक निर्वहन कर रहे थे। चंद्रकांत हमेशा से वंचितों, शोषितों व असहायों के सहायता व उनके उत्थान के लिए तत्पर रहते थे। वे अपने पीछे अपनी और दो बेटे को छोड़ गये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस घटना की निंदा करते हुए उनके निधन पर शोक जताया।
रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने चंद्रकांत की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि चंद्रकांत का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। इस घटना से हतोत्साहित होने के बजाय उनके जीवन से प्रेरणा लेकर संघ और उत्साह से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करेगा। उन्होंने राज्य प्रशासन से दोषियों को जल्द से जल्द ढूंढ़कर उस पर कार्रवाई करने की मांग की।