नवादा (विसंके)। आदिगुरू महाकाल शिव घोष के जन्मदाता रहे, उनके डमरू द्वारा ही सम्पूर्ण ब्रह्मांड में पहली अलौकिक ध्वनि से समस्त जगत को झुमने पर मजबूर कर दिया। उक्त बातें अखिल भारतीय घोष दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक व झारखंड प्रांत स्थित जमशेदपुर विभाग घोष प्रमुख नवल किशोर सिंह ने फल गली स्थित संघ कार्यालय में घोष प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित स्वयंसेवकों से कहा। उन्होने इस अवसर पर संघ में घोष के महत्व और घोष बजाने से शारीरिक एवं मानसिक फायदे के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। विभाग घोष प्रमुख नवल किशोर सिंह ने बताया शिव प्रदत्त डमरू के बजने मात्र से किसी भी व्यक्ति के रोम-रोम में गजब ही अनुभूति होती है। सुनने वाले व्यक्ति का मन नाच उठता है, व्यक्ति का पुरा मन आहलादित हो जाता है।
फल गली स्थित संघ कार्यालय में आयोजित घोष अभ्यास वर्ग।
सृष्टि के आरंभ में ही नाद की रचना
वहीं इस अवसर पर विभाग घोष प्रमुख ने घोष के इतिहास पर विस्तार से बताते हुए कहा कि घोष संस्कृत भाषा की शब्द है जिसे सृष्टि के आरंभ में नाद के रूप में जाना गया। संगच्छध्वं-संवदध्वं, सं वो मनांसि जानताम् अर्थात् सबको साथ लेकर कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा घोष के द्वारा दी जाती है। उन्होने घोष के वाद्ययंत्र आनक, प्रणव, झल्लरी, ट्रैंगल, मैराकस, वंषी, नागांग आदि के वादन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दिया। उन्होने संघ के सबको साथ लेकर चलने वाले कार्य के रूप में ही सभी पाश्चात्य देशों में बजने वाले यंत्र को संघ ने आत्मसात किया के बारे में भी बताया।
घोष की समाज के हर संस्था में महत्वपूर्ण भूमिका : मृत्युंजय
वहीं इस अवसर पर नवादा जिला प्रचारक मृत्युंजय भारत ने कहा कि आज वर्त्तमान परिपेक्ष में समाज के हर क्षेत्र, हर सरकारी-गैर सरकारी संस्था, शिक्षण संस्थानों में भी बच्चों के अंदर गायन-वादन का रूचिकर बनाने के लिए घोष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज देश के सेनाओं को देखते है तो हम सब 26 जनवरी के परेड में सेना के विशेष घोष रचना की झलक कौतुहल करने वाली होती है। जिला प्रचारक ने बताया कि संघ में भी घोष की कई रचनाएं हैं जिसे स्वयंसेवक बखूबी समझकर रूचि लेते हुए घोष वादन करते है। उन्होने इस अवसर पर कई घोष रचनाओं एवं घोष के वादक की जानकारी आम लोगों के बीच में पहुंचाने पर बल दिया।
इस अवसर पर नवादा जिला सह संघचालक ब्रह्मदेव प्रसाद, जिला बाल कार्य प्रमुख कुंदन सहित दर्जनों स्वयंसेवक उपस्थित थे।