1.अमृत महोत्सव में अज्ञात सेनानियों का जीवन समाज के समक्ष लाने का प्रयास
2.देशभर में 55 हजार स्थानों पर संघ का प्रत्यक्ष कार्य, 54382 दैनिक शाखाएं
3.अगले तीन वर्ष में मंडल स्तर पर संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य
धारवाड़, 30 अक्तूबर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस निमित्त संघ के स्वयंसेवक समाज व विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेंगे, स्वतंत्र रूप से भी आयोजन होंगे. स्वतंत्रता आंदोलन के अज्ञात सेनानियों का जीवन समाज के सामने लाया जाएगा. उदाहरण स्वरूप कालापानी में सजा काटने वाले लोगों के बारे में जानकारी ही नहीं है, ऐसे लोगों के जीवन पर प्रदर्शनी लगाना, तमिलनाडु से वेलु नाचियार, कर्नाटक से अबक्का, रानी गाइदिन्ल्यू सहित अन्य सेननानियों के बारे में जानकारी नहीं, ऐसे लोगों का जीवन समाज में लाना.
भारत का स्वतंत्रता आंदोलन विश्व में विशिष्ट रहा है, सबसे लंबे समय तक चला है. आंदोलन में देश की एकात्मता प्रकट हुई. यह आंदोलन केवल अंग्रेजों के खिलाफ नहीं था, अपितु भारत के ‘स्व’ का आंदोलन था. इसलिए स्वदेशी आंदोलन उसमें जुड़ गया, स्व-भाषा, स्व-संस्कृति का आंदोलन जुड़ गया. इसलिए भारत के ‘स्व’ का अर्थ अंग्रेजों को यहां से भगाना चाहिए, इतना ही नहीं था. भारत की आत्मा को जागृत करने का था, इसके लिए स्वामी विवेकानंद सहित अनेक हस्तियों ने कार्य किया. साथ ही इस अवसर पर वर्तमान पीढ़ी को संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत को हर क्षेत्र में दुनिया में उत्कृष्ट बनाने के लिए कार्य करेंगे.
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में समाज के साथ जुड़कर कार्य करेंगे- दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
प्रेसवार्ता (30 अक्टूबर 2021) – अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक, #धारवाड़ (#कर्नाटक)@RSSorg @DattaHosabale @NARENDER1970 @rssptn @Sanjeevjournal pic.twitter.com/5dy4jbLEte
— VISHWA SAMVAD KENDRA, BIHAR (@vskbihar) October 30, 2021
सरकार्यवाह ने कहा कि सिक्ख पंथ के नवम गुरु, गुरु तेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश वर्ष पर संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया गया है. गुरु तेगबहादुर जी ने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया है. उनकी स्मृति व प्रेरणा वर्तमान पीढ़ी को होनी चाहिए. सरकार्यवाह धारवाड़ (कर्नाटक) में आयोजित अ. भा. कार्यकारी मंडल की बैठक के अंतिम दिन प्रेस वार्ता में जानकारी प्रदान कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कार्यकारी मंडल की वर्ष में दो बार बैठक होती है, प्रतिनिधि सभा से पहले और दीपावली व दशहरा के बीच में. अभी होने वाली बैठक पूरे तीन दिन की बैठक होती है. कोरोना के कारण पिछले साल बैठक नहीं हो सकी थी. कोरोना काल में संघ के स्वयंसेवकों ने लाखों की संख्या में सेवा कार्य किए. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण संघ कार्य का विस्तार भी बाधित हुआ, शाखाएं ठीक से नहीं लग पाईं, देशभर में प्रवास भी बाधित हुआ. शाखा के रूप में प्रत्यक्ष कार्य प्रभावित हुआ, लेकिन सेवा के रूप में व्यापक कार्य हुआ. नित्य शाखा में आने वाले स्वयंसेवकों के साथ ही केवल कार्यक्रमों में आने वाले स्वयंसेवकों ने भी अत्यधिक सक्रियता से कार्य किया.
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के पश्चात तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए उससे निपटने की तैयारी के दृष्टिगत प्रत्येक राज्य में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए. जिससे यदि तीसरी लहर की स्थिति आती है तो समाज के सहयोग से उससे निपटने के लिए हम तैयार रहें. ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसी स्थिति न बने, पर तीसरी लहर आती है तो हम तैयार हैं.
अगर कोरोना की तीसरी लहर आई उसके लिए तैयार हैं संघ के स्वयंसेवक- दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
प्रेसवार्ता (30 अक्टूबर 2021) – अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक, #धारवाड़ (#कर्नाटक)#abps @RSSorg @DattaHosabale @NARENDER1970 @Sanjeevjournal @rssptn pic.twitter.com/5tSJCVo91r
— VISHWA SAMVAD KENDRA, BIHAR (@vskbihar) October 30, 2021