पटना (विसंके)। किशनगंज के थाना प्रभारी की अश्वनी कुमार मॉब लींचिंग में मौत हो गई। बिहार के किशनगंज पुलिस की दल एक बाइक छिनतई की तहकीकात करने पश्चिम बंगाल के ग्वालपाड़ा थानांतर्गत पंथापड़ा गांव गई थी। यह इलाका देश के सबसे संवेदनशील चिकेन नेक क्षेत्र में पड़ता है।
किशनगंज थाना कांड संख्या 167/21 धारा 394 भा. दं. वि. की सूचना पर 9 अप्रैल, 2021 को बंगाल में चिन्हित व्यक्ति के यहां पूछताछ करने गए थे। पूछताछ के क्रम में ही वहां के स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पुलिस बल पर हमला बोल दिया गया। इस हमले में किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की मृत्यु हो गई। घटनास्थल पर पुलिस महानिरीक्षक, पुर्णिया और किशनगंज जिला पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष कैम्प किये हुए हैं।
मृतक पुलिस कर्मी के शव को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन लाया गया। यहां पहुंचने पर पूरी सम्मान के साथ शहीद पुलिस जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दी गई। उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक निवास पुर्णियां भेजा गया है।
इस संबंध में 3 अपराधकर्मियों को गिरफ्तार किया है। इसमें मुख्य अभियुक्त फ़िरोज आलम, अबुजार आलम और सहिनुर खातून हैं।
कहा जाता है कि अपराधियों का सम्बन्ध पश्चिम बंगाल से जुड़ा था इसलिए बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के गोवालपोखर थाना को सूचना देकर छापेमारी की गई। इस दौरान पानजीपाड़ा गांव में भीड़ ने अपराधियों के बचाव में पुलिस पर हमला कर दिया और थानेदार को पीट-पीट कर हत्या कर दिया।
थानेदार अश्विनी कुमार वाहन चोरी के एक मामले में पश्चिम बंगाल में छापेमारी के लिए गए थे। इस दौरान पुलिस पर हमला हुआ और हमले में अश्विनी बुरी तरह घायल हो गए। तब उन्हें घायल अवस्था मे अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। जब हमला हुआ उस वक़्त उनके साथ थाने की पूरी टीम थी। रात के अंधेरे में अपराधियों द्वारा पुलिस को घेरकर गोलीबारी की बात भी बताई जा रही है।
पश्चिम बंगाल पुलिस पर आरोप है कि उसने जाँच में किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं किया।