बेगूसराय- बीएचयू वर्तमान दौर में एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है जिसके आंच में सभी राजनीति दल अपनी-अपनी रोटियां सेकने में लगे हैं। राजनीति दल और वामपंथी शहरी नक्सलवादियों ने बीएचयू में छात्राओं द्वारा किए गए आन्दोलन को गलत दिशा दे दी जिससे छात्र-छात्राएं काफी हतोत्साहित हुए है। आप को बता दे की बीएचयू की छात्रा एबीवीपी कार्यकर्ता एकता सिंह शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रही थी। सुरक्षा और लाईटिंग व्यवस्था को लेकर बीएचयू प्रशासन से बात भी हो चुकी थी, लेकिन सोची समझी साजिश के तहत रात में बाहरी छात्रों ने हस्तक्षेप कर अंदोलन को हिंसक बना दिया और महामना जी के पवित्र शिक्षा के मंदिर को बदनाम करने की साजिश की गई।
इसके विरोध में विधार्थी परिसद् के बेगूसराय जिला इकाई के द्वारा आज आक्रोश मार्च निकाला गया। छात्राओं ने सर पर काली पट्टी बांध कर बीएचयू में हुए लाठी चार्ज का विरोध किया। यह विरोध मार्च महिला कॉलेज से कैंटीन चौक तक पहुची।
छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का वादा “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का क्या हुआ बीएचयू में प्रशासन द्वारा दमनात्मक रबैये की निंदा की एवं घटना में संलिप्त दोषी पर कार्रवाई करने की मांग को पुरजोर तरीके से रखा।
अखिल भारतीय विधार्थी परिसद् की छात्रा कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम दल-गत राजनीति से ऊपर उठकर छात्र हित एवं देश हित में काम करने वाले संगठन है। आज पूरे देश में बीएचयू मुद्दे को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। विधार्थी परिसद् केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मांग किया की तानाशाह कुलपति को तुरंत बर्खास्त करें, दोषी पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करें एवं बीएचयू घटना की जांच करें और जो भी दोषी हैं उनपर कड़ी कार्रवाई करें।