पटना, 29 दिसंबर। आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता संघ संयुक्त संघर्ष मंच के द्वारा 01 दिसंबर से शुरू किये जा रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल से खुद को अलग रखेगी। बिहार की कोई भी आशा कार्यकर्त्ता 01 दिसंबर से हड़ताल में हिस्सा नहीं लेगी। उक्त बातें विश्व संवाद केन्द्र, पटना में आयोजित आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता संघ, बिहार द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में संघ की प्रदेश महामंत्री इन्दु झा कह रही थी।
इन्दु झा ने कहा कि वामपंथी संगठनों ने आशा स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता को सिर्फ ठगने का कार्य किया है। लेकिन अब बिहार की आशा बहनें जागरूक हो गई है। वो किसी अन्य संगठनों के झांसे में आने वाली नहीं। अभी हाल ही में केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि को दुगुना किया गया है। साथ ही आशा फैसिलीटेटर के मानदेय में भी प्रत्याशित बढ़ोतरी की गई। आशा संयुक्त संघर्ष मंच की मांग-पत्र के अधिकांश मांगे सरकार द्वारा पुरा किया जा चूका है। कुछ पुरा करने का आश्वासन मिला है, जिसे भविष्य में सरकार ने पूरा करने का भरोसा जताया है।
वहीं संघ की प्रदेश कोषाध्यक्ष सह मीडिया प्रतिनिधि राधा देवी ने कहा कि वर्ष 2005 में आशा की बहाली के बाद पहली बार किसी केन्द्र की सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को खुद दिल्ली बुलाकर उससे बात की है। आशा के समस्याओं, उनके दुःख-सुख की चर्चा है, उनके क्षेत्रों में होनेवाली परेशानियों पर बात की है। प्रोत्साहन राशि दुगुनी करते हुए आगे भी भरोसा दिया है कि सरकार आशा की हर मांग को पूरा करने की दिशा में पहल कर रही है। सरकार ने जो वादा किया है, अगर उसे धरातल पर उतारने में कोई समस्या आयेगी। तो फिर विचार कर उस दिशा में आंदोलन का फैसला लिया जायेगा।