बिहार तथा पूर्वी क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास के लिए 4 एवं 5 जून को पटना के महाराणा प्रताप भवन में क्षेत्रीय उद्यमी सम्मेलन सह संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में छः राज्यों के 350 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। इसमें बिहार के अलावा छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल तथा असम के उद्यमी भाग लेंगे। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रियों के भी उपस्थित रहने की संभावना है। यह जानकारी विश्व संवाद केंद्र में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नंद कुमार सिंह तथा लघु उद्योग भारती के क्षेत्रीय संयोजक रवीन्द्र प्रसाद सिंह ने दी।
बिहार के संदर्भ में उन्होंने बताया कि बिहार की अच्छी औद्योगिक नीति के बावजूद बिहार के उद्यमी काफी परेशान हैं। यहां नीति तो अच्छी है लेकिन उसका कार्यान्वयन सही ढंग से नहीं होता है। फलतः उद्यमी नाक रगड़ते रह जाते हैं लेकिन इस नीति का लाभ उन्हें नहीं मिलता है। बिहार सरकार को इस दिशा में उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने बिहार सरकार का ध्यान उद्यमियों की समस्या की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि ज्यादातर उद्यमियों को सही ढंग से प्रोत्साहन का लाभ नहीं मिल पाता। बिहार सरकार के प्रोत्साहन नीति का लाभ उद्यमियों को आसानी से मिले इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा नये उद्यमियों कोIncome Tax तथा Income Tax ज्ंग के कारण काफी परेशानी होती है। बैंक और सरकार नये उद्यमियों से Net Worth तथा Income Tax की स्थिति जानना चाहती है। अपने उद्यम की शुरूआत करने वाले उद्यमी के पास ये दोनों अच्छे हालात में नहीं होते हैं। फलतः वह काफी परेशान होता है।
वार्ताकारों ने सरकार से मांग की कि औद्योगिक क्षेत्रों की जमीन फ्री होल्ड कर दी जाए जिससे उद्यमी ऋण लेकर अपने उद्यम का विकास और विस्तार कर सके। सरकार को इस बारे में भी उन्होंने ध्यान आकृष्ट कराया कि बिहार की जमीन कीमती होने के कारण सूक्ष्म एवं लघु उद्योग शुरू करना यहां व्यवहार्य नहीं है।